Friday, March 14, 2025
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पड़ोसी राज्यों का सहयोग पाने के लिए Gopal Rai ने केंद्रीय मंत्री को लिखी चिट्ठी, कहा- ‘दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए करना होगा ये काम 

Gopal Rai ने पड़ोसी राज्यों का सहयोग पाने के लिए केंद्रीय मंत्री को लिखी चिट्ठी, कहा- ‘दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए करना होगा ये काम 

दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय के मुताबिक स्थानीय स्रोतों की वजह से 31 फीसद प्रदूषण (Delhi Pollution) है, जबकि 69 फीसद प्रदूषण पड़ोसी राज्यों की वजह से है.

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) को एक चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी के जरिए उन्होंने सर्दियों के मौसम में राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) की समस्या से निपटने को लेकर पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ संयुक्त बैठक बुलाने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में 31 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय स्रोतों की वजह है. जबकि 69 प्रतिशत एनसीआर (Delhi NCR) से लगे राज्यों के स्रोतों की वजह से है.

बैठक की जरूरत क्यों?

अपने पत्र में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के अंदर वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है. दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान के तहत विभिन्न कदम उठा रही है, लेकिन जब तक दिल्ली के पड़ोसी राज्य प्रदूषण के कारकों पर रोक नहीं लगाएंगे, तब तक हमारे द्वारा उठाए गए सारे कदम प्रभावशाली नहीं हो पाएंगे.

पड़ोसी राज्यों का सहयोग जरूरी

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर ठंड के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है. सभी कारको को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बनाया है. जिस पर सरकार काम कर रही है. दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए तमाम उपायों के परिणाम स्वरूप दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणाम स्वरूप पिछले 8 सालों में प्रदूषण के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है. जब तक एनसीआर के राज्यों में प्रदूषण के कारकों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगेगी तब तक दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए ये सारे कदम प्रभावशाली नहीं हो पाएंगे. सेंटर फॉर साइंस एनवायरनमेंट (CSE) द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के प्रदूषण में 31 प्रतिशत स्थानीय स्रोतों का योगदान है जबकि 69 प्रतिशत एनसीआर के राज्यों के स्रोतों की भागीदारी है.

प्रदूषण को काबू में करने के लिए इन पहलुओं पर काम करना जरूरी: 

एनसीआर से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक परिवहन सीएनजी या इलेक्ट्रिक पर चलाए जाएं.

एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाई जाए.

एनसीआर राज्यों में काफी औद्योगिक इकाइयाँ अभी भी प्रदूषणकारी ईंधन से चल रही हैं, उन्हें तत्काल पाइप्ड प्राकृतिक गैस में परिवर्तित किया जाएं.

एनसीआर राज्यों में चल रहे भारी प्रदुषण फैलाने वाले ईंट भट्ठों को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए.

डीजल जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए एनसीआर राज्यों के सभी हाउसिंग सोसाइटियों के लिए बिजली सुनिश्चित की जाएं.

एनसीआर राज्यों में भी दिल्ली की तरह ही पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी हो.

नॉन डिस्टाइंड वाहनों को इस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर उनके शुरूआती बिंदु से ही डाइवर्ट करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को कहा जाएं.

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