नई दिल्ली। दिल्ली पंचायत संघ, दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली के सभी शहरीकृत व ग्रामीण गांवों स्थित लाल डोरा, विस्तारित लाल डोरा आबादी को मालिकाना हक नहीं मिलने की दिशा में केंद्र सरकार व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। इस दिशा में संघ नेे ग्रामीणों का राहत देनेे के लिए प्रधानमंत्री व उपराज्यपाल से आग्रह किया कि वह समस्त गांवों के ले-आउट प्लान तैयार करवाने के निर्देश दे।
पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि गांव वालों से एमसीडी तमाम टैक्स व चार्ज वसूल कर रहा है, लेकिन गांवों के ले-आउट प्लान तैयार नहीं कर रहा है। वहीं दिल्ली के 130 गांवों की लाल डोरा, विस्तारित लाल डोरा आबादी की 244 फाइलें वर्ष 2013 से दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग में धूल चाट रही है। यह फाइलें दिल्ली सरकार की कार्रवाई का इंतजार कर रही है। इसी से पता चलता है कि गांवों की चौतरफा अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पीएम उदय पोर्टल पर गांवों को लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है। पीएम पोर्टल पर लिखा हुआ है कि गांवों के लालडोरा, विस्तारित लालडोरा आबादी को अनधिकृत कॉलोनी के समान माना जाएगा उपलब्ध है, लेकिन गांव वालों को मालिकाना देने के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीणों को मालिकाना हक देने के लिए सभी गांवों का सर्वे कर पीएम उदय पोर्टल या अन्य विकल्प तैयार किया जाए।
दूसरी ओर थान सिंह यादव, 360 खाप के सुरेेश शौकीन ने चेतावनी दी कि इस दिशा में प्रशासन की ओर से जल्द पहल नहीं होने की स्थिति में पंचायत संघ आंदोलन शुरू करेगा।