राजनीतिक तरकस ब्यूरो
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस)स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है और विश्व की सबसे बड़ी मुक्त विद्यात्रयी शिक्षा प्रणाली है जो शिक्षा वंचितों तक शिक्षा पहुँचाने का कार्य व्यापक स्तर पर कर रही है। एनआईओएस माननीया अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा के सशक्त और कुशल मार्गदर्शन में. राज्य मुक्त विद्यात्रयाँ के ल्रिए राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 22 एवं 23 दिसंबर, 2022 को कन्याकुमारी
स्थित विवेकानंद केंद्र में कर रहा है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपात्रन में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
दो दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र मैं माननीया डॉ. किरण बेदी, पुडुचेरी की पूर्व उप राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप मेँ शामिल हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप मेँ श्री लक्ष्मीनारायण पाणिग्रही, प्रमुख, पूर्वी क्षेत्र,विवेकानंद केंद्र; डॉ. थीवा प्रकाश, निदेशक, भारतीय खादूय निगम; श्री.भानुदास धकरसमहासचिव, विवेकानंद केंद्र शामित्र हुए और शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रो. सरोज शर्मा, अध्यक्ष एनआईओएस, संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष और पदाधिकारीगण,देश के विभिन्न राज्य मुक्त विद्यात्रयोँ के अध्यक्ष व प्रतिनिधि, मीडियाकर्मी, एनआईओपएस क्षेत्रीय केंद्र चेन्नई के अधिकारीगण इसमें शामिल्र हुए।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वल्नन से हुई। केन्द्रीय विद्यालय नागरकोइल के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
प्रो. सरोज शर्मा, अध्यक्ष एनआईओएस ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन का लक्ष्य भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाना है। इसमें भारत को ज्ञान परंपरा और विरासत के संरक्षण को बहुत महत्व दिया गया है। मुक्त और दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में समता, पहुँच और गुणवत्ता के लिए बहुत कार्य करना है। राज्य मुक्त विद्यालय क्षेत्रीय भाषाओं के कार्य करने के लिए सहयोग कर सकते हैं। सभी आउट ऑफ स्कूल्र बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में त्राना है। दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चों के समावेशीकरण पर कार्य किया जा रहा है।
श्री लक्ष्मीनारायण पाणिग्रही, प्रमुख, पूर्वी क्षेत्र, विवेकानंद केंद्र ने अपने सम्बोधन मेँ कहा कि विवेकानंद का दशन, शिक्षा उनके अनुभव से संबंधित थे उन्होंने शिक्षा और राष्ट्र के विकास को जोड़ कर देखा। वे पहले विचारक थे जिन्होंने आम जनता की शिक्षा को राष्ट्र के लिए आवश्यक बताया । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के क्रियान्वयन में मंथन की आवश्यकता है । उन्होंने इस सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य मुक्त विद्यात्रयों और एनआईओएस के
आपसी सहयोग और समनन्वयन से देश मेँ शिक्षा की दिशा तय होगी ।
डॉ. थीवा प्रकाश, निदेशक, भारतीय खादय निगम ने एनआईओएस की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था शिक्षा वंचितों को शिक्षित करने के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।
श्री. भानुदास धकरास महासचिव, विवेकानंद केंद्र ने इस केंद्र की स्थापना की पृष्ठभूमि संक्षेप मेँ बताते हुए एनआईओएस को इस सम्मेलन के लिए शुभकानाएं दीं।इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों ने एनआईओएस के इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओपन स्कूलिंग (आईजॉस) नामक अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल का लोकार्पण भी किया।
मुख्य अतिथि डॉ. किरण बेदी जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रनिर्माण में शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान है। आपके ल्रक्ष्य निश्चित हाँ तो उन्हें प्राप्त करना आसान होता है। बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को मुख्यधारा मेँ त्राने के लिए स्कूत्र शिक्षा बोर्डों, प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए शिक्षा को अपराधमुक्त समाज बनाने के लिए भी आवश्यक बताया। उन्हाँने यह भी जोर दिया कि देश के विकास में शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के अवसरों की निरंतर खोज की जानी चाहिए। यह कार्य एनआईओएस और राज्य मुक्त विद्यालयों के आपसी सहयोग से ही संभव हो सकेगा। उन्होंने एनआईओएस केकार्यों के लिए साधुवाद दिया।
धन्यवाद ज्ञापन में डॉ. राजीव कुमार सिंह,निदेशक(शैक्षिक) ने उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ. किरण बेदी जी को उनकी गरिमामयी उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रो.सरोज शर्मा अध्यक्ष एनआईओएस को उनके सशक्त नेतृत्व के लिए धन्यवाद किया। साथ ही, उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों, राज्य मुक्त विद्यात्रयों के अध्यक्षों,प्रतिनिधियों एवं सभी उपस्थित अधिकारियों का धन्यवाद किया।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के विविध पक्षों पर सार्थक चर्चा होगी। इस सम्मेलन में उद्घाटन सत्र और समापन सत्र के अतिरिक्त पाँच ज्ञान सत्र होंगे जो मुख्य रूप से भारत में मुक्त विद्यात्रयी शिक्षा पर विहंगम दृष्टि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन मैं मुक्त विद्या्रयी शिक्षा की भूमिका, पाठ्यचर्या, स्व अध्ययन सामग्री और मूक्स का निर्माण, विद्यार्थी सहायता सेवाओं का संचात्रन, मुक्त बेसिक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा, राज्य मुक्त विद्यालयों के सशक्तिकरण में एनआईओएस की भूमिका,शैक्षिक क्षेत्र के नवाचार : दीप क्यूआर कोडिंग, मोबाइल एप, अभिवृत्ति परीक्षण, वर्चुअल ओपन स्कूल, आत्मनिर्भर भारत के लिए,कौशल विकास, आकल्नन और मूल्यांकन प्रणाल्रियाँ, आउट ऑफ स्कूल बच्चों को मुख्य धारा मैं लाने में मुक्त विद्यालयों की भूमिका पर आधारित हाँगे।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन का उठदेश्य मुक्त और विद्यात्रयी शिक्षा कार्यक्रम का प्रसार,एनआईओएस और राज्य मुक्त विद्यालयों के बीच प्रभावी समनन्वयन करना, स्थापित राज्य मुक्त विद्यात्रयोँ को सशक्त करना और उनके कार्मिकाँ का सक्षमता निर्माण करना, नए राज्य मुक्त विद्यात्रयों की स्थापना में मार्गदर्शन करना, मुक्त विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करना,संसाधनों का आदान-प्रदान और बेहतर समनन्वयन के लिए रणनीतियाँ तैयार करना इत्यादि है।इसके माध्यम से देश के कोने-कोने तक शिक्षा की ज्योति जलाने का प्रयास होगा तथा बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर से मुख्य धारा मैं जोड़ा भी जा सकेगा।