आज दिल्ली के पालम गांव में एक महत्त्वपूर्ण पंचायत का अयोजन हुआ जिसमें सर्वसम्मति से ये मांग उठाई गई कि डोमेस्टिक एयरपोर्ट टर्मिनल-1 का नाम बदलकर पुनः पालम एयरपोर्ट के नाम से बहाल किया जाए। इस बारे में पालम-360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि आज पालम गांव के चौधरी रिजकराम भवन में एक महत्वपूर्ण पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सभी लोगों की यह पुरजोर मांग है कि डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम पहले की तरह पालम गांव के नाम पर ही रखा जाए। पहले भी डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम पालम एयरपोर्ट ही था तो पालम गांव के लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों ऐतिहासिक पालम गांव की उपेक्षा करके एयरपोर्ट का नाम बदल दिया गया।
चौधरी सुरेन्द्र सोलंकी ने बताया कि पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है जो मुगलों और ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही अपना एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। दिल्ली और देश के विकास में पालम गांव का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है। चाहे द्वारका को बसाने की बात हो या इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात हो, सब पालम गांव की जमीन पर ही बने हैं। इसलिए हमारी सरकार से पुरजोर मांग है कि पालम गांव के ऐतिहासिक और गौरवशाली अतीत को ध्यान में रखते हुए डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम पुनः पालम एयरपोर्ट किया जाए।
इस बारे में पंचायत ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि हम सरकार के केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष भी इस विषय को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और यदि समय रहते सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो हम एयरपोर्ट का घेराव भी करेंगे। हम हमेशा से शांतिप्रिय और देश की तरक्की में योगदान देने वाले लोग हैं, इसलिए हम नहीं चाहते कि सुरक्षा में चूक जैसी कोई स्थिति उत्पन्न हो लेकिन अगर सरकार हमारी मांग की उपेक्षा ही करेगी तो कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में सरकार ही स्वयं जिम्मेदार होगी।