उद्धव ठाकरे गुट वाले शिवसेना के नेता संजय राउत को आज मुंबई की पीएमएलए अदालत द्वारा पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। राउत को शाम करीब 7 बजे जेल से रिहा किया गया। जेल से निकलने के बाद राउत को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। मुंबई की एक विशेष अदालत ने पात्रा ‘चॉल’ पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को बुधवार को जमानत दे दी थी। हालांकि शिवसेना नेता ने बताया कि उन्हें जेल से निकलने के बाद अस्पताल ले जाया जाएगा। जेल से निकलने के बाद संजय राउत को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से जुड़े धनशोधन के मामले में उन्हें बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी। उनके भाई सुनील राउत ने कहा कि संजय की तबीयत ठीक नहीं इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। वह पहले उद्धव ठाकरे से मिलेंगे और कुछ अन्य जगहों पर भी जाएंगे। ED ने राउत को 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 9 घंटे पूछताछ की थी। राउत से 28 जून को भी ED ने पूछताछ की थी। उनके घर की तलाशी के दौरान ED को 11.5 लाख रुपए नकद मिले थे। राउत या उनके परिवार के लोग इन पैसों का सोर्स नहीं बता पाए थे। संजय पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले का आरोप है।
उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर है, यह पात्रा चॉल के नाम से मशहूर है। यहां पर 47 एकड़ में 672 घर हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड यानी GACPL को 672 किराएदारों का पुनर्वास और इलाके को रिडेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। GACPL को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों को फ्लैट देना था, MHADA के लिए 3 हजार फ्लैट बनाना था और शेष को निजी डेवलपर्स को बेचना था। हालांकि ED का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने MHADA को गुमराह किया।