Friday, March 14, 2025
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मोरबी दुर्घटना के दो दिन बाद भी ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल लापता

मोरबी दुर्घटना के दो दिन बीतने के बाद भी केबल ब्रिज के संचालक और ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल का कोई अता पता नहीं है| जयसुख पटेल के दफ्तर और निवास पर ताले लटके हुए हैं| पुलिस ने एफआईआर दर्ज मोरबी दुर्घटना के संदर्भ में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है| हांलाकि एफआईआर में जयसुख पटेल का नाम नहीं है| बता दें कि रविवार को मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल ब्रिज टूटने से 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे| मोरबी नगर पालिका ने इस केबल ब्रिज को मार्च 2022 में एक खास करार के आधार पर ओरेवा कंपनी को 15 वर्ष के लिए लीज पर दिया था| जिसके बाद 143 वर्ष पुराने केबल ब्रिज का ओरेवा कंपनी ने 2 करोड़ रुपए की लागत से रिनोवेशन कराया था| रिनोवेशन के लिए करीब 6 महीने तक ब्रिज आम लोगों के लिए बंद था|

ब्रिज के रिनोवेशन को लेकर बड़े बड़े दावे किए थे

दिवाली त्यौहारों के दौरान ओरेवा कंपनी पत्रकार परिषद में ब्रिज के रिनोवेशन को लेकर बड़े बड़े दावे किए थे| लेकिन पांच दिन के भीतर केबल ब्रिज टूट गया और इस घटना में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई| घटना के बाद सामने आया कि ब्रिज के रिनोवेशन में केवल एल्यूमिनियम की फ्लोरिंग और कुछ वेल्डींग काम के साथ ही रंग रोगन कर आम लोगों के लिए खोल दिया गया था| इतना ही नहीं रिनोवेशन के बाद मोरबी नगर पालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था| बीते दिन मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफीसर संदीपसिंह झाला ने बताया कि ओरेवा कंपनी ने बगैर प्रशासन को जानकारी दिए बगैर ब्रिज लोगों के लिए खोल दिया था|

उद्धघाटन में नगर पालिका का कोई सदस्य, अधिकारी नहीं दिखा

ब्रिज के उद्धघाटन समारोह में नगर पालिका का कोई सदस्य या कोई अधिकारी नहीं दिखा| ओरेवा कंपनी के फेसबुक और इंस्टा पेज पर केबल ब्रिज के उदघाटन की तस्वीरें और वीडियो में केवल कंपनी के एमडी जयसुख पटेल और उनका परिवार ही नजर आ रहा था| चीफ ऑफीसर ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे केबल ब्रिज जयसुख पटेल की निजी संपत्ति हो|

कंपनी ने बढ़ाये थे टिकट के दाम

इतना ही नहीं मोरबी नगर पालिका से जब करार हुआ था तब वर्ष 2022-23 के दौरान 12 वर्ष तक आयु के बच्चों के लिए रु. 10 और 12 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के लिए रु. 15 का टिकट तय किया गया था| लेकिन ओरेवा कंपनी ने रिनोवेशन के बाद उदघाटन वाले दिन से 12 वर्ष तक का आयु वाले बच्चों के रु. 12 और उससे अधिक आयु के लोगों से रु. 17 की वसूली शुरू कर दी थी| इस घटना के बाद से ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल समेत उनके परिवार का कोई अता पता नहीं है| आमतौर पर जयसुख पटेल अपने फार्महाउस पर रहते हैं| लेकिन फार्महाउस बंद पड़ा है| जयसुख पटेल की ऑफीस और निवास पर भी ताले लटक रहे हैं| ब्रिज दुर्घटना के मामले में पुलिस ने 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया है और 9 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है| लेकिन ओरेवा कंपनी के मालिक का एफआईआर में कोई उल्लेख नहीं है|

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