देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुबह और खराब हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर श्रेणी में रहा। दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार रात आठ बजे 361 (बहुत खराब) था। दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’, तथा 401 और 500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर एक्यूआई 426 रहा। शहर में न्यूनतम तापमान मंगलवार को 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 94 प्रतिशत दर्ज की गई।
मेदांता अस्पताल के चेस्ट सर्जरी इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स खराब होने के चलते लोगों की आंखों में जलन हो रही है। आंखें लाल हो जा रही हैं और अकसर पानी बहता रहता है। इसके अलावा नाक में भी जलन हो रही है और ओठों पर भी असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स खराब है और हवा में धुएं का स्तर बढ़ गया है। डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि धुंआ सीने में जा रहे हैं, जिसके चलते लोगों को जलन की समस्या पैदा हो रही है। फेफड़ों में भी लोगों को दिक्कत हो रही है। इसके अलावा लोगों का गला भी खराब हो रहा है। यदि आप अपनी जीभ को छुएंगे तो वहां भी आपको अजीब सा टेस्ट लगेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदूषित हवा फेफड़ों से होते हुए रक्त में पहुंचती है और फिर सिर से लेकर तलवे तक यह पहुंच जाती है। हम कह सकते हैं कि इस प्रदूषण से शरीर का हर अंग प्रभावित हो रहा है।