यूपी में मदरसों के सर्वे का काम दस सितंबर से प्रारंभ किया गया है। जिलों में सर्वे के बाद शासन को 15 अकटूबर तक रिपोर्ट प्रेषित की जानी थी,लेकिन इसको 15 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। अब सभी जिलाधिकारी 15 नवंबर तक मदरसों की रिपोर्ट शासन को देंगे। खास बात है कि मुरादाबाद ऐसे पहले जिले के रूप में उभरा है, जहां गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या सबसे ज्यादा यहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगी सरकार ने मदरसों के आधुनिकरण की दिशा में कार्य शुरू किया है। इसी कड़ी में सरकार ने निर्णय लिया था कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का भी सर्वे कराया जाए। योगी सरकार के निर्देश पर 10 सितंबर को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो गया था।
मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे
प्रदेश में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे हैं। इनमें बड़ी संख्या में मदरसे बगैर मान्यता के भी चल रहे हैं। इन्हीं के बारे में जानकारी करने के लिए सरकार ने मदरसा सर्वे कराया है। इसमें करीब आठ हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। ऐसे में प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या अब 24 हजार से अधिक हो गई है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही यहां पढऩे वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी। यहां के बच्चों को देश व समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे से किसी भी प्रकार का वैध अथवा अवैध का डाटा नहीं मिल पाएगा।
मुरादाबाद में सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि यह सर्वे असली नकली का नहीं बल्कि शिक्षा और शिक्षा के केंद्र की उनकी संख्या,उनकी व्यवस्था आदि की सही जानकारी प्राप्त करना है।सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं।बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं।
यह पूछे गए थे सवाल
सर्वे में मदरसों की आय के स्रोत और इन्हें संचालित करने वाली संस्था सहित वर्तमान स्थिति के बारे में सवाल पूछे गए थे। इसके अलावा मदरसों में मौजूद सुविधाओं का ब्यौरा भी मांगा गया था। मसलन भवन, पानी, फर्नीचर, बिजली व शौचालय के क्या इंतजाम हैं, मान्यता की स्थिति, छात्र संख्या व उनकी सुरक्षा के इंतजाम, पाठ्यक्रम व पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जैसे विभिन्न बिंदुओं की पड़ताल की गई। इसके अलावा भी कई अहम सवाल पूछे गए। एक अधिकारी ने बताया कि सभी जिलाधिकारी 15 नवंबर तक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सर्वे रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत कर दी जाएगी। इसके बाद शासन आगे की कार्रवाई करेगा।