कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों के 17 परिवारों ने अपने समुदायों पर टारगेट आतंकवादी हमलों के बीच मई के बाद दक्षिण कश्मीर में अपना घर छोड़ दिया है। इस साल पूरे कश्मीर में नागरिकों, अल्पसंख्यकों और प्रवासियों पर टारगेट हमलों में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। इनमें से तीन कश्मीरी पंडित थे। KPSS ने कहा कि नौ परिवार बीते दो दिन में घाटी से चले गए। आज कश्मीरी पंडितों के 9 और परिवार दक्षिण कश्मीर से घाटी छोड़ गए। 5 सितंबर 2022 से 17 कश्मीरी पंडित के परिवारों ने कश्मीर छोड़ दिया।
ग्रामीण ने कहा घाटी नहीं है हमारे रहने लायक
गांव के एक निवासी ने कहा, “कश्मीर घाटी में हमारे रहने लायक माहौल नहीं है। हत्याओं के कारण हम दहशत में जीते हैं। हमारे लिए कोई सुरक्षा नहीं है।” ग्रामीणों ने कहा कि उनके बार-बार सुरक्षा मांगने के बावजूद उनके गांव से दूर पुलिस चौकी बनाई गई है। हाल ही में जान की धमकी का सामना करने वाले एक ग्रामीण ने समाचार एजेंसी PTI से कहा कि 10 परिवारों के जाने के बाद गांव पूरा खाली हो गया है। आपको बता दें कि इस साल कश्मीर में कम से कम 22 लोगों की लक्षित हत्याएं की गई हैं जिनमें तीन कश्मीरी पंडित शामिल हैं। चौधरीगुंड में कृष्ण भट की हत्या से पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में ही आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी। हमले में उसका भाई घायल हुआ था। इससे पहले 12 मई को आतंकियों ने बडगाम में तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
39782 लोगों ने छोड़ी घाटी
घाटी में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद 7 कश्मीरी पंडितों की हत्या की जा चुकी है। घाटी में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया है। अडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस विजय कुमार ने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की खबर को ना तो खारिज किया है और ना ही इसकी पुष्टि की है। मार्च माह में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में बताया था कि 44167 कश्मीरी पंडित परिवारों ने 1990 से सुरक्षा कारणों के चलते घाटी को छोड़ दिया है। जिसमे हिंदू परिवारों की संख्या 39782 है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1990 के बाद से 3800 कश्मीरी विस्थापित घाटी में वापस आए हैं। ये लोग अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद वापस लौटे हैं। इन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत वापस लाया गया है। गौर करने वाली बात है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को दो अलग-अलग राज्यों में बांट दिया गया था और अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया।