(हरेश उपाध्याय) नयी दिल्ली: देश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हो। गीता बच्चों को प्राइमरी स्तर से ही गीता पढ़ाई जाए जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि भारत ही वह भूमि है,जहां पर कुरुक्षेत्र के मैदान में श्री कृष्ण भगवान ने अर्जुन को गीता में उपदेश दिया।गीता का उपदेश अर्जुन को उस समय दिया गया जब वह मानसिक तौर पर इस संकट में घिरा हुआ था कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आज की वर्तमान परिस्थिति में अगर देखा जाए तो हर एक व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी प्रकार का युद्ध अवश्य लड़ रहा हैऔर वह इस दुविधा में फंसा हुआ है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? भारत एक तरफ विश्व का सबसे युवा देश होने के साथ-साथ विश्व गुरु की संज्ञा से भी जाना जाता है परंतु आज का युवा वर्ग कई सारे संकटों से घिरा हुआ है। और वह अपने पूरे जीवन काल में अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाता।अगर आज का युवा अपने आप में ही खोया रहेगा तो धर्म संस्कृति और देश के बारे में विचार करने के लिए उसके पास समय नहीं होगा। जिस देश का युवा अपनी संस्कृति और परंपराओं के विषय में विचार विमर्श करना बंद कर देते हैं उसी दिन उस देश का पतन प्रारंभ हो जाता है।आज वर्तमान समय में हमें यह देखने को मिलता है कि भारत का युवा भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं को छोड़कर के पक्षात परंपराओं से जुड़ने को आतुर है और देश छोड़कर विदेश में जाकर बसने की परिपाटी बहुत तेजी से प्रचलन में आ रही है। इसका मूल कारण यह है कि आज हमारी वर्तमान की शिक्षा प्रणाली हमें देश धर्म और संस्कृति से जुड़ने का किसी भी प्रकार का अवसर प्रदान नहीं करती है। और हम धीरे-धीरे अपने धर्म संस्कार और सभ्यता से दूर होते जा रहे हैं।अतः भारत के आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए और देश में धर्म संस्कृति और सनातन परंपराओं को बचाए रखने के लिए महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने हिंदू राष्ट्र की कल्पना की थी। अगर भारत वर्ष में हिंदू और हिंदू धर्म को बचाए रखना है तो हमें अपने आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म परंपरा और संस्कृति से जुड़े रखना होगा। साथ ही साथ आने वाली पीढ़ी को हमें मानसिक तौर पर इतना मजबूत बनाना होगा कि वह किसी भी स्थान समय परिस्थिति में निर्णय लेने की क्षमता रख सकें। जिसके लिए गीता पढ़ना उनके लिए अनिवार्य है। अखिल भारत हिंदू महासभा एवं श्री कृष्णा सेवा संस्थान 20 अक्टूबर 2022 से दिल्ली के साथ-साथ देश भर में सरकारी एवं गैर सरकारी सभी विद्यालयों में प्राइमरी स्तर से गीता को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।यह हस्ताक्षर अभियान 20 अक्टूबर 2022 को भारत की राजधानी दिल्ली से प्रारंभ होकर देश के अलग-अलग राज्यों से होता हुआ 31 दिसंबर 2022 को समाप्त होगा। इस हस्ताक्षर अभियान का मुख्य उद्देश्य देश की जनता को जागरूक करना है ताकि वह गीता के महत्व को समझ पाएं और उससे अपने जीवन को सुधार पाएं साथ साथ देश की सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि उन्हें जल्द से जल्द देश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में गीता को प्राइमरी स्तर से पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुत्रा कुमार शर्मा एवं कृष्णा सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया लाल राठौर के नेतृत्व में संगठन के सभी कार्यकर्ता दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश भर में इसअभियान को चला कर के लोगों को जागरूक करेंगे।