मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि महिला कामगारों की सुरक्षा के लिए विभागीय स्तर पर भी ठोस योजना बनाई जाए। पुलिस हेल्प डेस्क और हेल्पलाईन नम्बर 112 को और मजबूत बनाया जाए। नियमों के तहत महिलाओं को जो मातृत्व अवकाश का प्राविधान है, यह सुनिश्चित किया जाए कि नियमानुसार सभी महिलाओं को ये सुविधाएं मिले। संस्थानों में भी महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि विभिन्न संस्थानों में कार्य करने वाली महिलाओं के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो। इसके लिए पुलिस,श्रम एवं संबंधित विभागों द्वारा सिस्टम विकसित किया जाए।
महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए जनपद स्तर पर गठित कमेटी की नियमित बैठकें हों। कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों का प्रभावी निदान के लिए शी बॉक्स (सेक्सुअल हैरसमेंट इलेक्ट्रानिक बॉक्स) के बारे में आम जन को जानकारी हो, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें। अपने-अपने विभागों की कार्यप्रणाली में बेहतर सुधार हो, इस दिशा में सबको ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है।
बैठक में डीआईजी श्री सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने प्रस्तावित वन स्टॉप सॉल्यूशन एप का प्रस्तुतीकरण दिया | वन स्टॉप सॉल्यूशन ऐप के माध्यम से राज्य में संगठित एवं असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं नियुक्ति के समय अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगी | कामकाजी महिलाओं के साथ ही औद्योगिक संस्थानों, कारखानों एवं नियोक्ताओं को भी अपने महिला कार्मिकों एवं श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन वन स्टॉप सॉल्यूशन एप में करवाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा |
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी,डीजीपी श्री अशोक कुमार, एडीजी ( लॉ एंड ऑर्डर) श्री वी. मुरूगेशन, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, श्री दीपेन्द्र चौधरी, श्री एच. सी. सेमवाल, आईजी श्रीमती विमला गुंज्याल, डीआईजी श्री सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस., अपर सचिव श्री आनन्द श्रीवास्तव, श्रीमती दीप्ति सिंह, श्री अतर सिंह, श्री जे.सी काण्डपाल एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।