Tuesday, June 3, 2025
HomeLifestyle‘पैरों की नसों में कालापन है तो हो जाएं सतर्क’

‘पैरों की नसों में कालापन है तो हो जाएं सतर्क’

आगरा: यदि कुछ समय खड़े रहने पर ही पैरों में थकान और सूजन आ जाती है और नसों में कालापन बढ़ रहा है तो अलर्ट हो जाएं। ये वैरीकोज वेन्स के लक्षण हैं। जिसमें वेरीकोज वेन्स के वॉल्व खराब हो जाने से पैरों में नसों के गुच्छे बन जाते हैं। द वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की 29वीं राष्ट्रीय कार्यशाला में गुरुवार को होटल ताज कन्वेन्शन में वैस्कुलर (नसों की) बीमारियों के कारण, नए तकनीकि इलाज पर चर्चा की गई। कार्यशाला में देश-विदेश से जुटे 400 से अधिक डॉक्टर भाग ले रहे हैं। अध्यक्ष वीएस वेदी व सचिव डॉ. तपिश साहू ने बताया कि कार्यशाला में आयोजित सीएमई (कन्टीन्यू मेडिकल एजूकेशन) में देश भर से ट्रेनिंग लेने आए 50 वैस्कुलर सर्जन, 20 जनरल सर्जन, 20 नर्स व टैक्नीशियन को नसों से जुड़ी अलग-अलग बीमारी व इलाज के बारे में ट्रेनिंग दी गई।

खून की धमनियों की सूचरिंग (ऑपरेट करना) सिखाया गया। एआई साइमोलेटर पर भी ऑपरेट करना सिखाया गया। उन्होंने बताया कि नसों की बीमारी की सबसे मुख्य वजह तंबाकू का सेवन है। इसके साथ वजन का बढ़ना, फास्ट फूड और आराम तलब जीवन शैली भी बड़ी वजह हैं।

ऐसे समझे नसों व न्यूरो की समस्या में अंतर आयोजन समिति के अध्यक्ष वीएस बेदी ने बताया कि अक्सर लोग नसों की समस्या को न्यूरों सर्जन के पास लेकर पहुंच जाते हैं। यदि खड़े रहने पर पीठ से जांघ तक जाने वाला दर्द न्यूरो यानि नर्व (तार) से सम्बंधित हो सकता है। कुछ देर चलने के बाद पिंडलियों में जकड़न की वजह रक्त नलियों में रुकावट के कारण हो सकती है।

नसों की बीमारियों से बचने के लिए ऐसा करें

  • तम्बाकू का सेवन बिल्कुल न करें।
  • प्रतिदिन 5-10 हजार कदम अवश्य चलें।
  • उम्र बढ़ने के साथ भी शरीर को एक्टिव रखें।
  • बैकिंग वाली चीजें, जैसे पैस्ट्री, ब्रेड और फास्ट फूड आदि के सेवन से बचे।
  • ताजा और फाइवरयुक्त खाना खाएं।
  • शरीर के वजन को संतुलित रखें।

कल होंगे ये कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि 7 अक्टूबर को शाम 7 बजे मुख्य अतिथि डॉ. अभिजात सेठ (अध्यक्ष नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन) कार्यशाला का शुभारम्भ करेंगे। सात से नौ अक्टूबर तक वैरिकोज वेन्स, डायलिसिस के मरीजों के लिए बनाया जाने वाले एवी फिस्टुला, एओरटिक एनेयुरिज्म, डीप वेन थ्रोमबोसिस, डायबिटिक फुट अल्सर पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।

दी डायलिसिस एसेस सोसायटी आफ सिंगापुर, मायो क्लीनिक (यूएसए) वैस्कुलर सर्जरी, वर्ल्ड फेडरेशन आफ वैस्कुलर सर्जन के पदाधिकारी और सदस्य दुनिया भर से कार्यशाला में शामिल होने के लिए आएंगे।
कार्यशला में भारत में वैस्कुलर सोसायटी के संस्थापकों को सम्मानित किया जाएगा। मधुमेह रोगियों के पैर काटने यानी एम्पुटेशन की जरूरत न पड़े, इसके लिए जागरूकता की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वीएस बेदी, सचिव डॉ. तपिश साहू, उपाध्यक्ष डॉ. संदीप अग्रवाल, प्रसीडेन्ट इलेक्ट डॉ. पीसी गुप्ता, कोषाध्यक्ष डॉ. अपूर्व श्रीवास्तव, मायो क्लीनिक की डॉ. मंजू कालरा, यूके डान कैस्टर से डॉ. नन्दन हल्दीपुर, यूके से डॉ. रघु लक्ष्मी नारायण, मस्कट से डॉ. एडविन स्टीफन, डॉ. केआर सुरेश, डॉ. रघु लक्ष्मी नारायण, डॉ. सात्विक, डॉ. आशुतोष पांडे आदि उपलस्थि थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments